कथाओं का सिलसिला, कथक के साथ!!

Tuesday, August 02, 2005

कशिश - ४

"तुम एक बार कह के तो"
"पर, वेद"
"क्या?"
"लेकिन"
"क्यों?"

"वेद, तुम इतना हक्क क्यों जता रहे हो?"
"मैं..."
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और वह चुप हो गया। आख़िर किस अधिकार से वह फिर कहे?
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और वह सोचती रह गयी, "काश तुम एक बार और कहते।"