कशिश - १
हिंदी मे लिखने का "श्री गणेश" कर तो दिया था, पर उसे क्रम मे नहीं रख पायी।
"कशिश", यह कहानी में कड़ियों मे लिख रही हूँ।
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पानी की गहराई का अंदाज़ा तो जितना आपका, उतना ही मेरा। पर पते की बात यह कि सदियों से स्थिर पानी में एक हल्की सी हलचल से लहरें उठ चुकी थी।
"कशिश", यह कहानी में कड़ियों मे लिख रही हूँ।
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पानी की गहराई का अंदाज़ा तो जितना आपका, उतना ही मेरा। पर पते की बात यह कि सदियों से स्थिर पानी में एक हल्की सी हलचल से लहरें उठ चुकी थी।